हो साथ अगर पहलू में इक मस्त-ए-शबाब इक जाम हो और हाथ में शेरों की क़िताब इक साज़ हो और साज़ पे गाती हो हसीना बन जाए ये वीराना बहारों का जवाब बन जाए ये वीर...
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